कइली हम खेती आ पीडित परिवार भेल
नगदी उत्पादन स जिनगी उधार भेल
कइली सिंचाइ जेकर सोनित- पसेना स
फसल से धरती लागैअ परार भेल
देलिऐ हम लाखोके लग्गासब मीलके
पैली नयन दुनू नोरेके धार भेल
उपजाएल हमरे, अघाएल बइमनमा
हमर घर बडका-टा कर्जा -पहाड भेल
मीठ रस उइँखके भेल तीत जहरे
जाम नस-नस हमर, प्रान पट्ट पार भेल
कोंढीसब सपनाके कटलक निष्ठुरबा
मीलक मलिकबा – हत्यारा सरकार भेल
छोडब नइँ शत्रुके कोनो हालतमे
बदलाके भुत आब हमरो सवार भेल
(काठमाण्डूमे आन्दोलन पश्चात् जान गमौने सर्लाही जिलाक उइँख उत्पादक किसान नारायण राय यादवक स्मृतिमे ई गजल लिखल गेल अछि।)