सुनाई सम्बन्धी सोचमे परिवर्तन आवश्यक 

रामबिनय यादव, स्पीच ल्याङ्गवेज प्याथोलोजिष्ट एण्ड अडियोलोजिष्ट (कार्यरतः पाटन अस्पताल ललितपुर)

रामबिनय यादव
आइ विश्व श्रवण दिवस संसारभइर मनाओल जा रहल अइछ । एहि सालके मूल नारा रहल अइछ ‘सोचाइमे परिवर्तन’ कान आ सुनाई क्षमता रेखदेख सबहक लेल सर्वसुलभ बनाओल जाय ।
१. नेपालमे श्रवण दोष अर्थात सुनाइ समस्या (Hearing Loss) गम्भीर समस्याक रूपमे रहल अइछ ।
२. नेपालमे १६ % लोग श्रवण सम्बन्धी समस्यासँ पीडित अइछ, जे एशियाक सबसँ बेसी पीडित राष्ट्रमध्येक नेपालो परैत अछि ।
३. एक अनुसन्धान अनुसार लगभग १६ % स्कूल पढएवाला बच्चामे श्रवण समस्या रहल अइछ ।
४. सुनाइ जाँच करए लेल कोनो उमरके सिमा नइँ तोकल गेल अछि । तैं नवजात शिशुसँ ल कए वृद्धधरिके जाँच कएल जा सकैत अइछ ।
५. सकभर बच्चा जन्मलाक १ महिना भित्तरे श्रवण स्क्रिनिङ्ग कराकए सुनाइ सही अछि या नइँ पहिचान करए परैत अइछ ।
६. जन्मेसँ सुनाइ समस्या भेल बच्चामे बोलीक विकास नइँ होइत अइछ तैं समयमे परीक्षण कराकए श्रवण यन्त्र लगाबए परै छै । श्रवण यन्त्र, दृष्टि दोष भेलापर चश्मा लगाएल जँका लगाओल जायबाल अत्यन्त प्रभावकारी यन्त्र छियै । तैं श्रवण यन्त्र लगाबए कोनो दिक्कत नइँ मानू । सोचमे परिवर्तन कएल जाओ ।
(अपनो श्रवण परीक्षण कराबू आ आनो लोगके सेहो परीक्षण कराबए सलाह दियौ ।)
७. दक्ष श्रवण विशेषज्ञसँ परामर्श कइर श्रवण परीक्षण कराबू ।
८. कान आ सुनाई क्षमताक रेखदेख सबहक लेल सर्वसुलभ बनाओल जाय ।
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